भगवान्
जो लोग भगवान् अथवा देवी – देवताओं को अचेतन मूर्तियों की सेवा, पूजा, आरती, भोग, चढ़ावा तथा दर्शन आदि तो नहीं करते हैं, परन्तु चेतन मूर्तियों (प्राणियों) विशेषकर मनुष्यों के साथ धोखाधड़ी, विश्वासघात, झूठ, छल, कपट, अत्याचार अन्याय, अनीति तथा अमयोदित बात, व्यवहार नहीं करते हैं तथ सभी को भगवान् (ईश्वर) की चलती-फिरती प्रतिमा मानकर […]
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सत्संग से लाभ
सत्संग से लाभ 1 ईश्वर, जीव, जगत् तथा परमार्थ सत्ता के विषय में सही सही जानकारी हो जाती है । 2 ‘अविद्या’ नष्ट हो जाने के कारण ‘माया-मोह’ नष्ट हो जाते हैं जिससे देश, काल, वस्तु के प्रति सत्यत्व बुद्धि समाप्त हो जाती है।3 रामचरित मानस में बताये गये मानसिक रोगों से ‘मुक्ति’ मिल जाती […]