माया और माया का कार्य
भागवत स्कन्द 11 अ 07 श्लोक 7-8 भगवान् कहते हैं-माया के द्वारा जिनका चित्त हर लिया गया है अर्थात् “माया” के द्वारा जो मोहित (भ्रमित) हो रहे हैं। उन्हीं को ऐसा दुराग्रह होता है, कि यह मेरा है, वह उनका है यह “गंगा” जी हैं, यह यमुना जी हैं, और यह दोनों का संगम है, […]